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वर्ष 2018 स्वर्गारोहण के दिन और पिन्तेकुस्त के दिन की पवित्र सभा

  • Страна | कोरिया
  • Дата | 10 мая 2018
ⓒ 2018 WATV
“परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ्य पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे” (प्रे 1:8)।

यीशु मसीह ने अपने पुनरुत्थान के बाद 40वें दिन यह कहा, और फिर वह स्वर्ग में चले गए। उनके स्वर्गारोहण के दस दिनों के बाद, उन्होंने प्रथम चर्च के संतों पर पवित्र आत्मा उंडेला। प्रेरितों ने पवित्र आत्मा की शक्ति प्राप्त की और यीशु की आज्ञा के अनुसार साहस के साथ सुसमाचार का प्रचार किया, और अद्भुत कार्य हुए कि एक दिन में हजारों लोगों ने मन फिराया और बपतिस्मा लिया।

दुनिया भर में चर्च ऑफ गॉड के सदस्य, जो वैश्विक गांव में सभी 7 अरब लोगों को उद्धार का संदेश सुनाने का आंदोलन कर रहे हैं, 2,000 वर्ष पहले हुए पवित्र आत्मा के कार्य को पुन: दोहराने की अपेक्षा करते हुए स्वर्गोरोहण के दिन(10 मई) और पिन्तेकुस्त के दिन की पवित्र सभा(20 मई) में उपस्थित हुए। पिन्तेकुस्त के दिन की प्रार्थना अवधि के दौरान जो स्वर्गारोहण के दिन की शाम से शुरू हुई, उन्होंने भोर और शाम को प्रार्थना की कि पूरी दुनिया में भरपूर पवित्र आत्मा की आशीषें उंडेली जाएं।


स्वर्गारोहण के दिन की पवित्र सभा—स्वर्गारोहण की आशीष जिसे मसीह ने स्वयं नमूने के रूप में दिखाया
स्वर्गारोहण का दिन यीशु के स्वर्गारोहण को स्मरण रखने का दिन है। यीशु के पुनरुत्थान के बाद 40वें दिन स्वर्ग चला जाना उस घटना की भविष्यवाणी की पूर्णता था कि निर्गमन के समय में इस्राएलियों के लाल समुद्र पार करने बाद 40वें दिन मूसा परमेश्वर की इच्छानुसार सीनै पर्वत पर चढ़ गया था।

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नई यरूशलेम फानग्यो मंदिर में आयोजित स्वर्गारोहण के दिन की आराधना में, माता ने मानवजाति को जिनके लिए मरना नियुक्त किया गया था, पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण की आशा देने के लिए पिता को गहराई से धन्यवाद दिया। माता ने अपनी संतानों के लिए भी प्रार्थना की कि वे परमेश्वर के वचनों का पूरी तरह से पालन करें, ताकि उनकी शारीरिक देह आत्मिक देह में बदल सके और वे सभी उद्धार के दिन पर बिना किसी पछतावे या शर्मंदगी से स्वर्ग में प्रवेश कर सकें।

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने पुराने और नए नियम के द्वारा स्वर्गारोहण के दिन की शुरुआत और अर्थ के बारे में समझाया, और कहा, “यीशु का स्वर्गारोहण स्पष्ट प्रमाण है कि परमेश्वर के लोग आत्मिक देह के रूप में बदल जाएंगे और उनका स्वर्गारोहण होगा।” और उन्होंने जोर दिया, “हमें परमेश्वर के द्वारा योग्य ठहराया जाकर सुसमाचार का कार्य सौंपा गया है। परमेश्वर के गवाह के रूप में, हमें चुप नहीं रहना चाहिए लेकिन सत्य का प्रचार करना चाहिए और उद्धार के मार्ग पर लोगों की अगुवाई करनी चाहिए।” फिर उन्होंने आग्रह किया, “आइए हम यत्न से पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर के बारे में प्रचार करें, जो हमारी आत्माओं को बचाने के लिए इस पृथ्वी पर आए, ताकि हम विश्व सुसमाचार का कार्य पूरा कर सकें और पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण की आशीष में भाग ले सकें” (लूक 24:44–53; 1कुर 15:44–58; यश 43:10; यश 56:9–12; यहेज 3:17–19)।

पिन्तेकुस्त के दिन की पवित्र सभा: प्रथम चर्च के दिनों में घटित हुआ पवित्र आत्मा का कार्य इन दिनों में दोहराया जाता है
पिन्तेकुस्त के दिन की प्रार्थना अवधि के दौरान अधिक उत्सुकता से प्रार्थना और प्रचार करने के बाद, सदस्य पवित्र आत्मा की शक्ति पाने की अभिलाषा के साथ पिन्तेकुस्त के दिन की पवित्र सभा में उपस्थित हुए, जो परमेश्वर के गवाहों के रूप में उनके दिए हुए मिशन को पूरा करने के लिए आवश्यक है।

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पुराने नियम में, पिन्तेकुस्त के दिन को सप्ताहों का पर्व कहा जाता था। वह इस्राएलियों के लाल समुद्र पार करने के बाद पचासवां दिन था, जब मूसा दस आज्ञाओं को प्राप्त करने के लिए सीनै पर्वत पर चढ़ गया। यह इतिहास यीशु के द्वारा पूरी हुई एक भविष्यवाणी था जिन्होंने अपने पुनरुत्थान के बाद पचासवें दिन यानी अपने स्वर्गारोहण के दस दिन बाद प्रेरितों पर पवित्र आत्मा उंदेला।

माता ने पिता से प्रार्थना की कि सभी प्रार्थनाएं और विनतियां पूरी हो जाएं, जो सिय्योन की संतानों ने दस दिनों तक चढ़ाई थीं, और हर सिय्योन पवित्र आत्मा की आशीष से उमड़ पड़े। माता ने कहा, “आइए हम पवित्र आत्मा में एक मन बनें और पवित्र आत्मा के आंदोलन में भाग लेकर हमारे पूरे मन और सामर्थ्य से सामरिया और पृथ्वी की छोर तक जीवन के सत्य का प्रचार करें।” माता ने चाहा कि अपनी संतान पवित्र परमेश्वर के प्रेम की ज्योति रखने वाली संतानों के रूप में पवित्र कार्य से परमेश्वर को महिमा करें और हमेशा सतर्क रहते हुए स्वर्ग जाने के लिए तैयार करें।

प्रथम चर्च के समय में पवित्र आत्मा के आगमन के पहले और बाद की स्थितियों की तुलना करके, प्रधान पादरी किम जू चिअल ने वर्तमान युग की सुसमाचार का लक्ष्य प्रस्तुत किया। प्रेरितों की पुस्तक बताती है कि प्रथम चर्च का विकास पवित्र आत्मा के आगमन के साथ शुरू हुआ। यीशु के क्रूस पर दुख भोगते समय प्रेरित यीशु का इनकार करके भाग गए थे। लेकिन, पवित्र आत्मा पाने के बाद, उन्होंने निडरता से उत्पीड़न और पीड़ा को पार किया और एक दिन में तीन हजार लोगों का पश्चाताप की ओर नेतृत्व किया और बड़ी संख्या में याजकों का मार्गदर्शन विश्वास की ओर किया। प्रधान पादरी किम जू चिअल ने सभी सदस्यों को प्रोत्साहित किया, “हम भी जिन्होंने पिन्तेकुस्त के दिन मनाया, प्रथम चर्च के दिनों के पवित्र आत्मा से और अधिक शक्तिशाली पवित्र आत्मा की सामर्थ्य का अनुभव कर सकते हैं। आइए हम परमेश्वर की इच्छा को महसूस करें जो सात अरब लोगों को बचाने के लिए पवित्र आत्मा के वरदान देते हैं, और पवित्र आत्मा की शक्ति को पूरी तरह से प्रदर्शित करें, ताकि हम सभी जातियों और लोगों को जीवन के जल का स्रोत, एलोहीम परमेश्वर का प्रचार कर सकें” (प्रे 2:1–4; 6:1–15; प्रक 22:17; 21:9–10; गल 4:26; जक 14:7–8; यहेज 47:1–12)।

दुनिया भर में सदस्यों ने पिन्तेकुस्त के दिन पर उन्हें पवित्र आत्मा देने के लिए परमेश्वर को गहराई से धन्यवाद दिया और उन्होंने पवित्र आत्मा की शक्ति पर निर्भर होकर किसी को भी, किसी भी समय और कहीं पर भी, जीवन के जल यानी नई वाचा के सत्य का प्रचार करने का दृढ़ संकल्प किया।

एथेंस, ग्रीस में लोआना जोरगंतजकी ने कहा, “मैंने पे्रम, धीरज, साहस, समुद्र जैसे बड़े मन, विनम्रता, बुद्धि, और उत्सुकता के लिए प्रार्थना की, क्योंकि बचाए जानेवाले लोगों को ईश्वरीय स्वभाव में भाग लेना चाहिए। मैं परमेश्वर के सदृश्य बनूंगी और एथेंस में सभी लोगों को जीवन और प्रेम के सत्य का प्रचार करूंगी।”

संगनाम, कोरिया में इ मीन ग्यु ने कहा, “चूंकि प्रेरितों ने यीशु के वचन का पालन किया, इसलिए वे पवित्र आत्मा प्राप्त करके अकल्पनीय आशीषों का अनुभव कर सके। मुझे विश्वास है कि यदि मैं परमेश्वर के वचन का पालन करूंगा, तब मैं भी ऐसी महान, नहीं प्रेरितों से भी अधिक महान आशीषों को प्राप्त कर सकूंगा।”

सदस्य जिन्होंने चरित्र से लेकर प्रचार क्षमता तक पवित्र आत्मा के प्रचुर वरदानों को पहना, वे 7 अरब लोगों को प्रचार करने के आंदोलन के उत्साह में और व्यस्त हो जाते हैं।