Новости Кореи

Печать Закрыть

युवा सदस्यों के विजन के लिए विशेष व्याख्यान 2016

  • Страна | कोरिया
  • Дата | 25 декабря 2016
ⓒ 2016 WATV
“हम कैसे फलप्रद जीवन जी सकते हैं?”
प्रधान पादरी के द्वारा जब यह प्रश्न पूछा गया जो आसान था और साथ ही साथ भारी भी था, तब युवा सदस्य गंभीर दिखने लगे। उस व्याख्यान में जिन्होंने अपना ध्यान केंद्रित किया, वे वो छात्र थे जो युवा सदस्य बनने वाले हैं और भविष्य के लिए योजना बनाने वाले हैं, और युवा सदस्य भी थे जो पहले ही से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपना भविष्य बना रहे हैं।

25 दिसंबर 2016 को आशापूर्ण नववर्ष के एक सप्ताह पहले, “युवा सदस्यों के विजन के लिए विशेष व्याख्यान 2016” ओकछन गो एन्ड कम प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित किया गया। संस्थान में हाई स्कूल से ग्रेजुएट होनेवाले छात्र, कार्यस्थल, कैंपस, सेना आदि में अपना कार्यभार संभाल रहे युवा सदस्य, देश भर के पुरोहित कर्मचारी इत्यादि समेत 10,000 से अधिक सदस्य इकट्ठे हो गए। युवा सदस्यों के सुसमाचार के तीव्र जोश से माहौल इतना गर्मा गया कि इसने कड़ाके की ठंड को भी शर्मिंदा कर दिया।

कार्यक्रम माता की प्रार्थना के साथ शुरू हुआ जो भविष्यवाणी के नायक यानी युवा सदस्यों और दुनिया भर के सभी सदस्यों के लिए की गई। माता ने प्रार्थना की कि सभी संतानों पर पवित्र आत्मा की प्रचुर आशीषें उंडेली जाएं और वे भोर की ओस की बहादुर एवं निस्संकोच मानसिकता के साथ सामरिया और पृथ्वी की छोर तक सुसमाचार का प्रचार करने में मुख्य भूमिका निभाएं। माता युवा सदस्यों से प्रसन्न थीं जो बाइबल की इस भविष्यवाणी को पूरा कर रहे थे, “पराक्रम के दिन तेरे जवान लोग भोर के गर्भ से जन्मी हुई ओस के समान तेरे पास हैं(भजन 110:3)।” माता ने यह कहकर उन्हें आशीष दी, “सर्वशक्तिमान परमेश्वर आप लोगों के पिता हैं, इसलिए अपने कंधों को सीधा कीजिए और साहसपूर्वक सुसमाचार की तुरही फूंकते हुए भविष्यवाणियों को पूरा कीजिए!”

ⓒ 2016 WATV

आराधना के बाद व्याख्यान शुरू हुआ। पादरी किम जू चिअल ने भविष्य की तैयारी करनेवाले युवा सदस्यों को 3,500 वर्ष पहले के इस्राएलियों के इतिहास से लेकर आज के अंतरिक्ष विज्ञान तक की व्यापक सामग्रियों के द्वारा एलोहीम परमेश्वर के अस्तित्व और शक्ति के बारे में जागृत किया और उन्हें आवश्यक दिशा–निर्देश दिए ताकि वे परमेश्वर पर संपूर्ण विश्वास रखते हुए समृद्ध भविष्य बना सकें। उन्होंने जोर देकर कहा, “छोटी–बड़ी कठिनाइयां जिनका हम सामना करते हैं, हमें निर्मल करने की प्रक्रिया है जिससे गुजरकर हम महान पात्र होने के लिए नया जन्म ले सकते हैं। इस प्रक्रिया में अर्थपूर्ण परिणाम पाने के लिए योजनाएं बनाने के साथ–साथ उन्हें कार्य में लाना भी महत्वपूर्ण है।” अन्त में पादरी किम जू चिअल ने कहा, “आइए हम परमेश्वर की तरह जिन्होंने अंतरिक्ष को बनाया, व्यापक दृष्टिकोण से दुनिया को देखें। आइए हम बड़े सपने देखें और पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर की शक्ति से अपने भविष्य को अधिक आशीषित बनाएं,” तब युवा सदस्यों ने “आमीन” कहा और यह आवाज पूरे संस्थान में गूंज उठी।

व्याख्यान से पहले युवा सदस्यों के लिए कुछ कार्यक्रम चलाए गए। संस्थान की दूसरी मंजिल पर तस्वीर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें उन प्रेरणादायी व हृदयस्पर्शी क्षणों की तस्वीरों को प्रदर्शित किया गया था जो सुसमाचार के स्थलों में कालेज के छात्रों, कर्मचारियों और सैनिकों के द्वारा हासिल किए गए थे। उसने युवा सदस्यों को और भी बड़ा विश्वास रखने के लिए प्रेरित किया। बाहर मैदान में एक तम्बू लगाया हुआ था जहां जलपान का इंतजाम किया गया था, और इसने सैट परीक्षा की तैयारी और नौकरी की तलाश करने से थके हुए छात्रों को और पढ़ाई व काम में व्यस्त युवा सदस्यों को ऊर्जा प्रदान की।

बहन जंग जे ही(संगनाम से) ने जो कालेज में प्रवेश करने जा रही थी, मुस्कान के साथ कहा, “सब कुछ अनिश्चित था, और मैं यह सोचकर बहुत चिंतित थी कि मुझे आगे क्या करना है और मैं किस हद तक कर सकती हूं। लेकिन आज मुझे इस बात का पक्का यकीन हुआ कि परमेश्वर मेरे साथ हैं, और मैं भीतर से आश्वस्त महसूस करती हूं।” भाई किम योंग सक(यनछन से) ने जिसने सेना की सर्विस से छुट्टी लेकर कार्यक्रम में भाग लिया, यह कहते हुए अपना दृढ संकल्प जाहिर किया, “माइनस 16 डिग्री की कड़ी ठंड में मैं अपने सेनादल में अलग–अलग सोच रखने वाले सैनिकों के साथ संघर्ष करते हुए कठिनाइयों को झेलता हूं। लेकिन मैं उस दिन की प्रतीक्षा करूंगा जब मैं फौजी सेवा से मुक्त होने के बाद अपने सुसमाचार के स्वप्न को पूरा करूंगा, और अपने वर्तमान समय को ईमानदारी से बिताऊंगा।” बहन युक होंग उन(इनचान से) ने जो एक कर्मचारी है, यह कहकर अपनी आकांक्षा जाहिर की, “मैं काम में व्यस्त होने का बहाना बनाते हुए अपना भरसक प्रयास नहीं किया था, लेकिन अब से ऐसे नहीं रहूंगी। मैं नए वर्ष में विस्तृत योजना बनाऊंगी और बड़ी लगन के साथ उसे अभ्यास में लाऊंगी। मैं सच में अपना लक्ष्य हासिल करना चाहती हूं।”

कार्यक्रम समाप्त होने के बाद, सभी युवा सदस्य मानो खुद को अपने सपने का पुन: स्मरण दिला रहे हों और एक–दूसरे को प्रोत्साहित कर रहे हों, एक स्वर में जोर से चिल्लाए,
“युवा सदस्यो, बड़े सपने देखो!”

ⓒ 2016 WATV